महाकाली गुफा (इसे कोंदिविता गुफा के रूप में भी जाना जाता है), इसे १ शताब्दी ईसा पूर्व से ६ वीं शताब्दी के समय के मध्य बेसाल्ट की विशाल चट्टानो को काटकर निर्मित किया गया है |
यह बौद्ध मठ पश्चिमी भारत में मुंबई (मुंबई) शहर
के अंधेरी उपनगर के पूर्व में स्थित है। इस स्मारक को दो भागों में बनाया गया है
जिसमे से ४ गुफाएं अधिकतम उत्तर-पश्चिम की तरफ तो १५ गुफाएं दक्षिण-पूर्व की ओर
स्तिथ हैं | अधिकतम गुफाएं विहार एवं रहने के कमरे हैं, और दक्षिण-पूर्व की ९वीं
गुफा चैत्य है |
उत्तर-पश्चिम समूह ४थी से ५वीं शताब्दी के मध्य
बनाया गया है, जब की दक्षिण-पूर्बी समूह अधिक पुराना है | स्मारक में वर्तमान
चट्टानों को काटकर खुदे और अन्य संरचनाओं के अवशेष शामिल हैं।
गुफाएं एक ठोस काला बेसाल्ट चट्टान में खुदी
हुई हैं।
महाकाली (गुफा 9) में सबसे बड़ी गुफा बौद्ध पौराणिक
कथाओं से बुद्ध की सात चित्रण और आंकड़े है, लेकिन सभी अब
विकृत हो रहे हैं।
यह जंक्शन जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड और शीपज़
बीच के पास स्थित है। गुफाओं से जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड और शीपज़ क्षेत्र का
नजारा दिखता है | BEST बसें से अंधेरी स्टेशन से गुफाओं तक आराम से पहुंचा जा सकता
है, या फिर जोगेश्वरी लिंक रोड पे कमलिस्तान स्टूडियो के पास उतर कर ५ मिनट चलकर
गुफा तक पहुंचा जा सकता है |
गुफा वैसे तो हर एक मौसम में सुन्दर दिखती है,
तथापि वर्षारितु में इसकी सुन्दरता देखते ही बनती है |
गुफा जो अच्छी तरह सुबह की सूरज की किरणों के
साथ देखा जा सकता हैं |
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